Pay 0 Income Tax on Rs 15.25 lakh Income (नया टैक्स सिस्टम)
H1: ₹15.25 लाख सैलरी पर कैसे भरें शून्य इनकम टैक्स?
H2: नया टैक्स रेजीम क्या है?
H3: पुराना बनाम नया टैक्स सिस्टम
H3: नया टैक्स रेजीम चुनने के फायदे
H2: ₹15.25 लाख की आय पर टैक्स की गणना
H3: आय का विभाजन और स्रोत
H3: बेसिक टैक्स स्लैब्स
H2: ₹15.25 लाख आय पर टैक्स कैसे शून्य हो सकता है?
H3: स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹50,000
H3: NPS में निवेश पर छूट
H3: 80C के तहत ₹1.5 लाख की छूट
H3: 80CCD(1B) - अतिरिक्त ₹50,000 की छूट
H3: HRA और लोन इंटरेस्ट
H3: प्रोविडेंट फंड और LIC प्रीमियम
H2: टैक्स प्लानिंग कैसे करें?
H3: महीने दर महीने निवेश रणनीति
H3: सेक्शन 80U, 80D जैसे अन्य छूट
H2: नया टैक्स रेजीम कब फायदेमंद होता है?
H3: किसको नया रेजीम चुनना चाहिए?
H3: कौन रहें पुराने रेजीम में?
H2: क्या-क्या दस्तावेज़ ज़रूरी हैं?
H3: निवेश का प्रमाण
H3: फॉर्म 16 और सैलरी स्लिप
H2: सामान्य गलतियाँ जो लोग टैक्स फाइलिंग में करते हैं
H2: सरकार की नई नीतियाँ और टैक्स छूट
H2: निष्कर्ष - सही योजना से टैक्स बचाएं
H2: FAQs (5 महत्वपूर्ण सवाल)
₹15.25 लाख सैलरी पर कैसे भरें शून्य इनकम टैक्स?
सोचिए ज़रा — आपकी सालाना आय ₹15.25 लाख है, लेकिन फिर भी आपको एक भी पैसा इनकम टैक्स में नहीं देना पड़ रहा! जी हां, ये संभव है, वो भी पूरी तरह कानूनी तरीके से। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे नया टैक्स रेजीम अपनाकर आप इस मोटी सैलरी पर भी टैक्स से पूरी तरह मुक्त हो सकते हैं।
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नया टैक्स रेजीम क्या है?
सरकार ने 2020 में नया टैक्स रेजीम शुरू किया था जिसमें टैक्स स्लैब्स कम कर दिए गए, लेकिन अधिकतर डिडक्शन हटा दिए गए।
पुराना बनाम नया टैक्स सिस्टम
टैक्स स्लैब | पुराना रेजीम | नया रेजीम |
---|---|---|
₹0-2.5 लाख | शून्य | शून्य |
₹2.5-5 लाख | 5% | 5% |
₹5-7.5 लाख | 20% | 10% |
₹7.5-10 लाख | 20% | 15% |
₹10-12.5 लाख | 30% | 20% |
₹12.5-15 लाख | 30% | 25% |
₹15 लाख+ | 30% | 30% |
नया टैक्स रेजीम चुनने के फायदे
सिंपल टैक्स कैलकुलेशन
कोई डोक्युमेंटेशन नहीं
फिक्स स्टैंडर्ड डिडक्शन
₹15.25 लाख की आय पर टैक्स की गणना
मान लें आपकी कुल सैलरी ₹15.25 लाख है। अब समझते हैं कि इसे कैसे टैक्स-फ्री बनाया जा सकता है।
आय का विभाजन और स्रोत
बेसिक सैलरी: ₹10 लाख
HRA: ₹2 लाख
अन्य भत्ते: ₹3.25 लाख
बेसिक टैक्स स्लैब्स
नए टैक्स रेजीम में ₹7 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता (Rebate under Section 87A)। उसके ऊपर भी टैक्स कम करने के लिए कुछ डिडक्शन उपलब्ध हैं।
₹15.25 लाख आय पर टैक्स कैसे शून्य हो सकता है?
अब आते हैं असली गेमप्लान पर। नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो करके आप इस पूरी आय पर टैक्स शून्य कर सकते हैं।
स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹50,000
हर सैलरी क्लास व्यक्ति को यह डिडक्शन स्वतः मिलता है। अब आपकी आय हो गई ₹14.75 लाख।
80C के तहत ₹1.5 लाख की छूट
EPF, PPF, LIC प्रीमियम, होम लोन प्रिंसिपल आदि इसमें आते हैं।
80CCD(1B) - अतिरिक्त ₹50,000 की छूट
अगर आपने NPS में निवेश किया है, तो यह छूट मिलेगी।
HRA और लोन इंटरेस्ट
अगर आप किराए के मकान में रहते हैं या होम लोन भर रहे हैं, तो टैक्स छूट और बढ़ जाती है।
प्रोविडेंट फंड और LIC प्रीमियम
EPF और LIC भी 80C में शामिल होते हैं।
तो कुल टैक्सेबल इनकम:
₹15,25,000 - ₹50,000 (Std Deduction) - ₹1,50,000 (80C) - ₹50,000 (80CCD(1B)) = ₹12,75,000
अब Section 87A और अन्य छूट लगाने के बाद टैक्स और कम किया जा सकता है।
टैक्स प्लानिंग कैसे करें?
महीने दर महीने निवेश रणनीति
हर महीने 12,500 रुपये NPS में डालिए, और ₹6,250 LIC/PPF में। साल के अंत में सारी छूटें मिल जाएंगी।
सेक्शन 80U, 80D जैसे अन्य छूट
हेल्थ इंश्योरेंस पर 80D में ₹25,000 तक की छूट।
यदि कोई शारीरिक विकलांगता है, तो 80U लागू हो सकता है।
नया टैक्स रेजीम कब फायदेमंद होता है?
किसको नया रेजीम चुनना चाहिए?
जिनके पास ज्यादा डिडक्शन के ऑप्शन नहीं हैं।
जिनका निवेश कम होता है।
कौन रहें पुराने रेजीम में?
जिन्हें होम लोन, बच्चों की ट्यूशन, इंश्योरेंस जैसे कई डिडक्शन मिलते हैं।
क्या-क्या दस्तावेज़ ज़रूरी हैं?
निवेश का प्रमाण
LIC रसीदें
PPF पासबुक
NPS स्टेटमेंट
फॉर्म 16 और सैलरी स्लिप
ये टैक्स फाइलिंग में जरूरी होते हैं।
सामान्य गलतियाँ जो लोग टैक्स फाइलिंग में करते हैं
डिडक्शन का दावा न करना
फॉर्म 26AS ना देखना
NPS को इग्नोर करना
सरकार की नई नीतियाँ और टैक्स छूट
FY 2024-25 में स्टैंडर्ड डिडक्शन को नया टैक्स रेजीम में भी लागू किया गया है।
87A की छूट अब ₹7 लाख तक की इनकम के लिए लागू है।
निष्कर्ष - सही योजना से टैक्स बचाएं
अगर आप समझदारी से साल की शुरुआत से ही टैक्स प्लानिंग करें, तो ₹15.25 लाख की सैलरी पर भी आपको एक पैसा टैक्स नहीं देना पड़ेगा। बस थोड़ा फाइनेंशियल अनुशासन और सही निवेश से सब कुछ मुमकिन है। नया टैक्स रेजीम उनके लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो निवेश कम करते हैं और सिंपल प्रक्रिया चाहते हैं।
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FAQs
1. क्या ₹15.25 लाख पर वाकई में कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है?
हाँ, अगर आप सही निवेश और डिडक्शन लें तो टैक्स पूरी तरह से बचाया जा सकता है।
2. नया टैक्स रेजीम कब चुनना चाहिए?
जब आपके पास बहुत ज्यादा टैक्स डिडक्शन क्लेम करने के विकल्प
नहीं हों।
3. क्या NPS में निवेश जरूरी है टैक्स बचाने के लिए?
नहीं, पर NPS टैक्स बचाने का एक अच्छा साधन है, खासतौर पर 80CCD(1B) के तहत।
4. स्टैंडर्ड डिडक्शन किसे मिलता है?
हर सैलरी क्लास कर्मचारी को ₹50,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है।
5. क्या मैं साल के बीच में टैक्स रेजीम बदल सकता हूं?
नहीं, सैलरीड क्लास टैक्स रेजीम सिर्फ एक बार ही चुन सकते हैं हर वित्तीय वर्ष में।
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